कुछ बात तो है इस दिल को बेकरार किया उसने। ~एकांत नेगी
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
मंजिल की तलाश में खुद को अकेले चलना होगा,
भटका हूँ तो क्या हुआ संभालना भी खुद को होगा।
ज़ालिम दुनिया समंदर है किनारा मुमकिन नहीं।
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
मैं घर का रास्ता भूला, जो निकला आपके शहर से,
हुजूर लाज़िमी है महफिलों quotesorshayari में बवाल होना,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
तेरी चिट्ठी जो किताबों में छुपा रखी है।